Petrol Diesel Price – अगर आप भी हर महीने फ्यूल के खर्च से परेशान हैं, तो अब आपको थोड़ी राहत मिल सकती है। हाल ही में सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती का ऐलान किया है, जिससे आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। हर राज्य में कीमतें अलग-अलग हैं, लेकिन लगभग हर जगह थोड़ी राहत जरूर मिली है। तो चलिए आपको बताते हैं कि आपके राज्य में पेट्रोल-डीजल के दाम कितने हैं और इसका क्या फायदा मिलेगा।
आपके राज्य में फ्यूल की नई कीमतें – देखें पूरी लिस्ट
हर राज्य में टैक्स का स्ट्रक्चर अलग होता है, इसलिए कीमतें भी अलग-अलग होती हैं। नीचे कुछ प्रमुख राज्यों के ताजा रेट दिए गए हैं:
- दिल्ली: पेट्रोल – ₹96.72, डीजल – ₹89.62
- महाराष्ट्र: पेट्रोल – ₹106.29, डीजल – ₹92.76
- उत्तर प्रदेश: पेट्रोल – ₹95.44, डीजल – ₹87.75
- गुजरात: पेट्रोल – ₹95.13, डीजल – ₹91.77
- पश्चिम बंगाल: पेट्रोल – ₹107.12, डीजल – ₹98.56
- मध्य प्रदेश: पेट्रोल – ₹108.36, डीजल – ₹96.87
- राजस्थान: पेट्रोल – ₹108.48, डीजल – ₹99.87
- हरियाणा: पेट्रोल – ₹96.49, डीजल – ₹88.47
- पंजाब: पेट्रोल – ₹97.16, डीजल – ₹89.45
- तमिलनाडु: पेट्रोल – ₹102.63, डीजल – ₹94.24
ये कीमतें समय-समय पर बदलती रहती हैं, इसलिए हर बार पेट्रोल पंप जाने से पहले अपने शहर का रेट चेक कर लेना ठीक रहता है।
फ्यूल की कीमतें कैसे तय होती हैं?
कई लोग सोचते हैं कि पेट्रोल-डीजल के रेट सरकार ही तय करती है, लेकिन असल में ये काफी फैक्टर्स पर डिपेंड करता है। जैसे:
- इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत
- डॉलर के मुकाबले रुपया कितना मजबूत है
- केंद्र और राज्य सरकार के टैक्स
- ट्रांसपोर्टेशन और रिफाइनिंग का खर्च
यानी दुनिया भर में कुछ भी हो, उसका असर आपके शहर के फ्यूल प्राइस पर पड़ सकता है।
दाम घटने से क्या-क्या फायदे मिलेंगे?
- हर महीने का खर्च कम होगा – ऑफिस जाना, बच्चों को स्कूल छोड़ना या घूमने जाना – हर जगह फ्यूल की बचत साफ दिखेगी।
- ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स का खर्च घटेगा – जब गाड़ियों का खर्च कम होगा तो ट्रक से आने-जाने वाला सामान भी सस्ता हो सकता है।
- महंगाई पर ब्रेक लगेगा – फ्यूल महंगा होने से सब्जी, दूध, दालें जैसी चीजें भी महंगी हो जाती हैं। अब ये थोड़ी सस्ती हो सकती हैं।
- कृषि में भी फायदा – खेतों में डीजल वाले पंप चलते हैं। डीजल सस्ता होगा तो सिंचाई का खर्च भी घटेगा।
भविष्य में कीमतें और घटेंगी या नहीं?
ये तो कहना मुश्किल है। इंटरनेशनल मार्केट, ओपेक देशों की नीतियां, घरेलू मांग और सरकार की पॉलिसी – सब कुछ मिलकर फ्यूल प्राइस को प्रभावित करते हैं। फिलहाल जो कटौती हुई है वो राहत भरी है, लेकिन आगे क्या होगा, ये काफी चीजों पर निर्भर करेगा।
इतिहास में फ्यूल की कीमतों का ट्रेंड कैसा रहा है?
पिछले कुछ सालों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अच्छा-खासा बदलाव देखने को मिला है। एक नजर डालिए:
- 2015: पेट्रोल ₹60, डीजल ₹48
- 2017: पेट्रोल ₹71, डीजल ₹57
- 2019: पेट्रोल ₹74, डीजल ₹66
- 2021: पेट्रोल ₹90, डीजल ₹80
- 2023: पेट्रोल ₹97, डीजल ₹89
- 2025 (अब): पेट्रोल लगभग ₹100, डीजल ₹92
ये साफ दिखाता है कि समय के साथ दाम बढ़े हैं, लेकिन मौजूदा कटौती थोड़ा संतुलन लेकर आई है।
कैसे करें फ्यूल खर्च को कंट्रोल – अपनाएं ये आसान टिप्स
- कारपूल करें – दोस्तों या ऑफिस साथियों के साथ एक ही गाड़ी में जाएं
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें – मेट्रो, बस, ट्रेन जैसी सुविधाएं भी पैसे बचाती हैं
- इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर सोचें – शुरुआत में खर्च लगेगा, लेकिन आगे बहुत बचत होगी
- बाइक या स्कूटी को रेगुलर सर्विस कराएं – इससे माइलेज बढ़ेगा
- गाड़ी चलाते वक्त जरूरत से ज्यादा एक्सेलेरेट ना करें – इससे फ्यूल कम खर्च होता है
सरकार की योजनाओं का फायदा भी उठाएं
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना – इससे गरीब वर्ग को एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी मिलती है
- इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी – कई राज्य सरकारें ई-व्हीकल्स खरीदने पर सब्सिडी देती हैं
- सोलर पंप योजना – किसानों को सोलर आधारित सिंचाई पंप दिए जाते हैं
समाज पर फ्यूल की कीमतों का असर
फ्यूल की कीमत सिर्फ आपकी गाड़ी के टैंक तक सीमित नहीं होती। जब दाम बढ़ते हैं तो हर चीज पर असर पड़ता है – चाहे वह ट्रांसपोर्ट हो, खेती हो, इंडस्ट्री हो या आम लोगों का घर का बजट। इसलिए जब दाम घटते हैं तो राहत की एक सांस सबको मिलती है।
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अंत में बस यही कहेंगे कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें देश की अर्थव्यवस्था से लेकर आपकी जेब तक को प्रभावित करती हैं। ऐसे में थोड़ी सी समझदारी, थोड़ी सी प्लानिंग और सरकार की मदद से आप अपने खर्च को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।
