Gold Rate – अगर आप भी सोना खरीदने की सोच रहे हैं लेकिन इसकी बढ़ती कीमतों को देखकर रुक गए हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर हो सकती है। बाजार के एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले 60 दिनों में सोने की कीमतों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिल सकती है। जून महीने की शुरुआत से ही सोने के दामों में कभी बढ़त तो कभी गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे ग्राहक भी कंफ्यूज हैं कि खरीदारी करें या इंतजार करें।
चलिए विस्तार से जानते हैं कि अभी सोने का बाजार किस हाल में है, आने वाले समय में क्या बदलाव हो सकते हैं, और इस पूरे उतार-चढ़ाव की वजह क्या है।
सोने की कीमत में अब तक कितनी बढ़ोतरी हुई
साल 2025 की शुरुआत से अब तक सोने की कीमतों में लगातार उछाल देखा गया है। जनवरी से जून के पहले हफ्ते तक सोने के दाम करीब 34 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। यह बढ़त इतनी जबरदस्त रही कि सोना अब तक के सबसे मजबूत एसेट क्लास में शामिल हो चुका है। अप्रैल में तो सोने ने ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा भी पार कर लिया था और जून में इसका फ्यूचर गोल्ड भी फिर से ₹1 लाख के पास पहुंच चुका है।
क्यों बढ़े सोने के दाम
सोने की कीमतों में इस तेजी की कई वजहें हैं। सबसे बड़ी वजह अमेरिका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वॉर की आशंका मानी जा रही है। इसके अलावा रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव ने भी बाजार को प्रभावित किया है। ऐसी स्थिति में निवेशक हमेशा सुरक्षित निवेश की ओर रुख करते हैं, और सोना इस मामले में सबसे भरोसेमंद विकल्प माना जाता है।
अमेरिका में स्टील और एलुमिनियम पर डबल इंपोर्ट ड्यूटी लगाने की वजह से भी बाजार में उथल-पुथल मची हुई है। इन सबका सीधा असर सोने की डिमांड पर पड़ा है, और डिमांड बढ़ने के साथ-साथ दाम भी चढ़ते चले गए।
आभूषण की बिक्री क्यों हुई कम
सोने की कीमतें जब रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं तो इसका असर सीधे सोने के आभूषणों की बिक्री पर पड़ा। पिछले 16 सालों में पहली बार किसी तिमाही में आभूषणों की बिक्री में 25 प्रतिशत की गिरावट आई है। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, पिछले दो हफ्तों में सोने की ज्वेलरी की बिक्री में 30 प्रतिशत की कमी आई है। कुल मिलाकर अब तक सिर्फ 1600 किलो सोने के आभूषण ही बिक पाए हैं, जो सामान्य से काफी कम है।
अब गिरावट की उम्मीद क्यों
अब सवाल उठता है कि जब सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही थीं तो अब गिरने की बातें क्यों हो रही हैं? इसके पीछे एक बड़ा कारण है अमेरिका का नॉन-फार्म पे रोल डेटा। अगर यह डेटा मजबूत आता है तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। इससे डॉलर मजबूत होगा और सोने की कीमतों पर दबाव बनेगा, जिससे रेट गिरने की पूरी संभावना बनती है।
कितनी हो सकती है गिरावट
ब्रोकरेज हाउस क्वांट म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले 60 दिनों में सोने की कीमतों में 12 से 15 प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है। अगर दिल्ली की बात करें तो इस समय यहां 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग ₹98,500 प्रति 10 ग्राम है। अगर अनुमान के मुताबिक गिरावट आती है तो यह रेट ₹85,000 से भी नीचे जा सकता है।
लॉन्ग टर्म में क्या होगा फायदा
हालांकि एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि यह गिरावट शॉर्ट टर्म के लिए होगी। मीडियम और लॉन्ग टर्म में सोने का रिटर्न अब भी अच्छा माना जा रहा है। इसलिए जिन लोगों का नजरिया लंबी अवधि के लिए है, उनके लिए घबराने की जरूरत नहीं है। निवेश पोर्टफोलियो में कीमती धातुएं हमेशा एक संतुलन बनाकर रखती हैं, जिससे जोखिम कम होता है।
आम खरीदार क्या करें
अगर आप आभूषण खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो थोड़े दिन इंतजार करना फायदे का सौदा हो सकता है। वहीं अगर आप निवेश के लिहाज से गोल्ड बार या गोल्ड बांड लेने की सोच रहे हैं तो गिरावट के बाद एंट्री करना बेहतर रहेगा।
सोने की कीमतें कई फैक्टर पर निर्भर करती हैं – जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजार, डॉलर की चाल, ब्याज दरें, राजनीतिक हालात और निवेशकों की भावनाएं। इसलिए कोई भी फैसला जल्दबाजी में न लें। खरीदारी से पहले बाजार की सही जानकारी और सलाह जरूर लें।