अब FASTag का टाइम खत्म! 10 जून से बदलेगा पूरा सिस्टम – GNSS से सीधे कटेगा टोल GNSS Toll System

By Prerna Gupta

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GNSS Toll System 2025 June Update

GNSS Toll System – अगर आप भी हाईवे पर गाड़ी लेकर अक्सर सफर करते हैं, तो अब आपको तैयार हो जाना चाहिए एक बड़े बदलाव के लिए। सरकार अब FASTag को धीरे-धीरे बंद करने जा रही है और उसकी जगह लेगा एक नया स्मार्ट सिस्टम – GNSS Toll System. जी हां, अब टोल प्लाजा पर रुकने की झंझट नहीं, सफर जितना – टोल उतना!

GNSS सिस्टम क्या है?

GNSS यानी Global Navigation Satellite System एक सैटेलाइट आधारित टेक्नोलॉजी है। इसमें आपकी गाड़ी में एक Onboard Unit (OBU) डिवाइस लगेगी, जो आपकी गाड़ी की लोकेशन को GPS की तरह ट्रैक करेगी। जैसे ही आप टोल रोड पर एंटर करेंगे, ये डिवाइस सफर की दूरी नापेगी और उसी हिसाब से टोल आपके खाते से कट जाएगा।

FASTag का क्या होगा?

FASTag सिस्टम 2016 में शुरू हुआ था और लोगों ने इसे काफी अपनाया भी, लेकिन अब सरकार इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए GNSS सिस्टम को लाने जा रही है। हालांकि अभी एकदम से FASTag बंद नहीं किया जाएगा, बल्कि GNSS को कुछ हाईवे पर ट्रायल के तौर पर शुरू किया जाएगा। धीरे-धीरे यह पूरे देश में लागू होगा और तब जाकर FASTag पूरी तरह रिटायर हो जाएगा।

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GNSS सिस्टम की खास बातें

इस नई तकनीक की सबसे खास बात ये है कि अब टोल प्लाजा की जरूरत ही नहीं रहेगी। सफर जितना लंबा, टोल उतना ही कटेगा। मतलब अगर आपने टोल रोड का सिर्फ आधा हिस्सा यूज़ किया, तो सिर्फ आधा टोल देना होगा। OBU डिवाइस हर गाड़ी में लगाना अनिवार्य होगा और इसके बिना GNSS सिस्टम का फायदा नहीं मिलेगा।

इससे फायदे क्या होंगे?

सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि अब टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी। लंबी कतारों से छुटकारा मिलेगा और सफर ज्यादा स्मूद होगा। ट्रैफिक जाम भी कम होगा। टोल की कटौती सीधे बैंक अकाउंट या UPI वॉलेट से हो जाएगी। इतना ही नहीं, अब टोल की चोरी भी नहीं होगी क्योंकि हर गाड़ी की मूवमेंट पूरी तरह ट्रैक होगी।

पेमेंट सिस्टम कैसे काम करेगा?

आपको अपना बैंक अकाउंट या UPI वॉलेट GNSS सिस्टम से लिंक करना होगा। सफर शुरू होते ही OBU यूनिट दूरी मापेगी और उसी हिसाब से टोल अपने आप कट जाएगा। आप चाहें तो इसे प्रीपेड या पोस्टपेड मोड में भी रख सकते हैं, जो भी आपके लिए सुविधाजनक हो।

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कब से लागू होगा GNSS सिस्टम?

पहले सरकार ने इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू करने की योजना बनाई थी, लेकिन टेक्निकल दिक्कतों के चलते इसकी डेट आगे बढ़ा दी गई। अब कोशिश की जा रही है कि 2025 के अंत तक देश के बड़े हाईवे पर यह सिस्टम पूरी तरह से शुरू हो जाए।

वाहन मालिकों को क्या करना चाहिए?

अगर आप एक फ्रीक्वेंट हाईवे ट्रैवलर हैं, तो आपको GNSS सिस्टम के लिए तैयार रहना चाहिए। बहुत जल्द OBU डिवाइस लगवाना अनिवार्य हो सकता है। ये डिवाइस NHAI या किसी अधिकृत डीलर से उपलब्ध करवाई जाएगी।

आम जनता के लिए बदलाव

इस नए बदलाव से आम लोगों को काफी राहत मिलने वाली है।

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  • टोल कटौती ज्यादा सटीक और पारदर्शी होगी
  • सफर में रुकावटें कम होंगी
  • डिजिटल इंडिया को बूस्ट मिलेगा
  • और सरकार को मिलेगा सही ट्रैक रिकॉर्ड और राजस्व

यानी, आने वाले समय में भारत में सफर का तरीका पूरी तरह बदलने वाला है। GNSS सिस्टम सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि एक स्मार्ट इंडिया की दिशा में बड़ा कदम है।

Disclaimer

यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। GNSS टोल सिस्टम से संबंधित नियमों में समय के साथ बदलाव हो सकते हैं। किसी भी अंतिम निर्णय से पहले NHAI या अधिकृत सरकारी वेबसाइट से नवीनतम जानकारी जरूर प्राप्त करें।

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