Widow Pension Scheme – अगर आपके परिवार या जान-पहचान में कोई विधवा महिला है, तो ये खबर उनके लिए बहुत काम की है। हरियाणा सरकार ने एक बड़ी पहल करते हुए ऐसी महिलाओं के लिए एक जबरदस्त योजना शुरू की है। इस योजना का मकसद है कि महिलाएं आत्मनिर्भर बनें और उन्हें जीवन में आर्थिक दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। खास बात ये है कि इसके तहत हर महीने सीधे बैंक खाते में तीन हजार रुपये भेजे जाते हैं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अगुवाई में फैसला
इस योजना का नाम ‘विधवा पेंशन योजना’ है, जिसे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अगुवाई में लागू किया गया है। सरकार का मानना है कि समाज में महिलाओं को अगर सशक्त बनाना है, तो उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करना जरूरी है। यही वजह है कि इस योजना को राज्य की सामाजिक सुरक्षा नीति का अहम हिस्सा बना दिया गया है।
किन महिलाओं को मिलेगा फायदा
अब सवाल आता है कि इस योजना का लाभ किन महिलाओं को मिलेगा। तो इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें रखी गई हैं। पहली बात, महिला विधवा होनी चाहिए यानी पति की मृत्यु हो चुकी हो। दूसरी शर्त है कि महिला की सालाना आमदनी दो लाख रुपये से कम होनी चाहिए। और तीसरी सबसे अहम बात ये है कि महिला किसी दूसरी सरकारी पेंशन योजना का लाभ ना ले रही हो। मतलब, अगर वह पहले से किसी स्कीम से पैसा पा रही है, तो उसे इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा।
पेंशन सीधे खाते में भेजी जाती है
सरकार ने इस योजना को पूरी तरह पारदर्शी बनाने की कोशिश की है। जो भी पैसा मिलता है, वह सीधे महिला के बैंक खाते में ट्रांसफर होता है। इससे बीच में कोई एजेंट या दलाल की जरूरत नहीं पड़ती और महिलाएं बिना किसी झंझट के मोबाइल या पासबुक से देख सकती हैं कि पैसा आया या नहीं। इससे गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहती।
भविष्य में पेंशन राशि बढ़ने की संभावना
सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले समय में पेंशन की राशि बढ़ाई जा सकती है। इसका मकसद यही है कि महिलाएं न सिर्फ अपने जरूरी खर्च पूरे करें, बल्कि अपने बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य से जुड़ी ज़रूरतें भी आसानी से पूरी कर सकें। अगर राशि बढ़ती है तो इसका असर और भी अच्छा दिखेगा।
अन्य राज्यों के मुकाबले हरियाणा की योजना सबसे आगे
अगर हम दूसरे राज्यों की बात करें, तो हरियाणा की योजना सबसे मजबूत नजर आती है। उदाहरण के तौर पर, उत्तर प्रदेश में विधवा महिलाओं को सिर्फ एक हजार रुपये मिलते हैं, महाराष्ट्र में नौ सौ, राजस्थान में सात सौ पचास और दिल्ली में ढाई हजार रुपये तीन महीने में मिलते हैं। वहीं उत्तराखंड और गुजरात में पेंशन करीब बारह सौ से तेरह सौ रुपये तक है। ऐसे में हरियाणा का तीन हजार रुपये हर महीने देना बड़ी बात है।
आवेदन करना आसान और ऑनलाइन
इस योजना में आवेदन करना अब पहले जैसा मुश्किल नहीं रहा। अब हरियाणा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर महिलाएं खुद ही ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। इसके लिए कुछ जरूरी कागजात लगते हैं जैसे – पति का मृत्यु प्रमाण पत्र, शादी का प्रमाण, आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र और बैंक पासबुक की कॉपी। इन सब दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करना होता है और फॉर्म भरने के बाद आवेदन पूरा हो जाता है। अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं।
महिलाओं की जिंदगी में आया बदलाव
इस योजना की मदद से हजारों विधवा महिलाओं की जिंदगी में बदलाव आ रहा है। कई महिलाएं अब अपने बच्चों की पढ़ाई और इलाज के खर्च खुद उठा पा रही हैं। जहां पहले उन्हें दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था, अब वहीं वे खुद अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं। इस योजना ने महिलाओं को सिर्फ पैसा ही नहीं दिया, बल्कि आत्मसम्मान भी लौटाया है।
दूसरे राज्यों को लेनी चाहिए प्रेरणा
हरियाणा सरकार की यह पहल अब बाकी राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन चुकी है। अगर दूसरे राज्य भी इसी तरह महिलाओं को मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाएं और पेंशन राशि बढ़ाएं, तो देश की करोड़ों महिलाएं इससे फायदा उठा सकती हैं। समाज में महिलाओं को सम्मान देने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक सशक्त शुरुआत है।