Senior Citizens Free Travel – अगर आपके घर में दादा-दादी, नाना-नानी या कोई भी 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग हैं, तो ये खबर उनके लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। अब केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि 15 जून 2025 से सभी वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन, बस और घरेलू फ्लाइट में सफर करने की सुविधा बिल्कुल मुफ्त मिलेगी। इस फैसले से बुजुर्गों को न सिर्फ आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि उन्हें घूमने-फिरने और रिश्तेदारों से मिलने-जुलने का भी बढ़िया मौका मिलेगा।
क्यों खास है ये योजना?
आजकल बढ़ती महंगाई में बुजुर्गों के लिए सफर करना आसान नहीं होता, खासकर वो जो पेंशन या बच्चों पर निर्भर होते हैं। ऐसे में सरकार की ये फ्री ट्रैवल स्कीम बुजुर्गों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। इसमें रेलवे, हवाई जहाज और रोडवेज की बसों में पूरी तरह से किराया माफ कर दिया जाएगा।
किन्हें मिलेगा फायदा?
इस योजना का फायदा वही लोग ले सकते हैं जो भारत के नागरिक हों और जिनकी उम्र 60 साल या उससे ज्यादा हो। बस उन्हें अपने आधार कार्ड और उम्र का प्रमाण दिखाना होगा। यात्रा करते समय किसी भी एक पहचान पत्र को साथ रखना जरूरी होगा। हर बार जब सफर करना हो, तो नया आवेदन करना होगा।
कहां-कहां मिलेगी फ्री सुविधा?
- रेलवे में जनरल से लेकर एसी कोच तक सभी कैटेगरी में टिकट फ्री मिलेगा।
- हवाई जहाज में डोमेस्टिक यानी देश के अंदर उड़ानों पर टिकट फ्री होगा, लेकिन एयरपोर्ट टैक्स जैसी कुछ चार्जेस शामिल नहीं होंगे।
- बसों में सभी सरकारी रोडवेज बसों में सफर मुफ्त होगा, चाहे वो लोकल हो या लंबी दूरी की।
कैसे करें आवेदन?
सरकार ने आवेदन की प्रक्रिया को भी आसान और डिजिटल बना दिया है, जिससे बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी न हो।
ऑनलाइन आवेदन:
- सरकार के ऑफिशियल पोर्टल (जैसे IRCTC, एयर इंडिया, स्टेट ट्रांसपोर्ट वेबसाइट) पर जाएं
- “सीनियर सिटिजन फ्री ट्रैवल” सेक्शन पर क्लिक करें
- आधार नंबर और जन्मतिथि डालें
- OTP से वेरिफाई करें
- यात्रा की तारीख और जगह चुनें
- टिकट की रकम दिखेगी ₹0 और आपका टिकट कन्फर्म हो जाएगा
ऑफलाइन आवेदन:
- पास के रेलवे स्टेशन या बस डिपो पर जाएं
- एक छोटा सा फॉर्म भरें
- पहचान पत्र दिखाएं
- काउंटर से टिकट बुक करवाएं
क्या-क्या होंगे फायदे?
- बुजुर्ग अब अपनी मर्जी से जहां चाहें जा सकेंगे, वो भी बिना किराया चुकाए
- तीर्थयात्रा, रिश्तेदारों से मिलने और इलाज के लिए जाना अब आसान होगा
- समाज में उन्हें एक सम्मान की नजर से देखा जाएगा
- पारिवारिक आर्थिक दबाव भी कम होगा
कुछ चुनौतियां भी हैं
- ऑनलाइन पोर्टल पर कभी-कभी टेक्निकल दिक्कत आ सकती है
- बुजुर्गों के लिए सीट की उपलब्धता एक मुद्दा हो सकता है
- कम पढ़े-लिखे बुजुर्गों को ऑनलाइन आवेदन में परेशानी हो सकती है
सरकार से सुझाव
सरकार को चाहिए कि हर जिले में एक हेल्पडेस्क बनाई जाए जहां बुजुर्गों को हिंदी और उनकी लोकल भाषा में मदद मिल सके। साथ ही, हेल्पलाइन नंबर और ट्रेनिंग कैंप भी चलाए जाएं ताकि कोई भी इस सुविधा से वंचित न रह जाए।
ये योजना बुजुर्गों के लिए एक नई शुरुआत है। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा, वे ज्यादा स्वतंत्र महसूस करेंगे और परिवार पर बोझ भी कम होगा। ये सिर्फ एक स्कीम नहीं, बल्कि बुजुर्गों के लिए सम्मान और सहूलियत का प्रतीक है।
तो अगर आपके घर में कोई बुजुर्ग है, तो 15 जून का इंतजार मत करिए – अभी से उनकी अगली यात्रा की तैयारी शुरू कर दीजिए।