OPS Big Update – अगर आप भी सरकारी नौकरी में हैं या रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए है। लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद आखिरकार कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से बहाल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये फैसला उन लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत है जो अपने भविष्य को लेकर चिंतित थे।
पुरानी पेंशन योजना क्या है?
पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम वो सिस्टम था, जिसमें रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को हर महीने उनकी अंतिम सैलरी का करीब 50% पेंशन के रूप में मिलता था। इसमें महंगाई भत्ते (DA) का भी फायदा मिलता था, और खास बात ये थी कि कर्मचारियों को अपनी जेब से कुछ भी योगदान नहीं देना होता था।
सरकार ही पूरी पेंशन की ज़िम्मेदारी लेती थी। लेकिन 2004 में सरकार ने इस योजना को बंद करके इसकी जगह एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) लागू कर दी थी।
NPS और OPS में फर्क क्या है?
NPS में कर्मचारी और सरकार दोनों को अपनी सैलरी का एक हिस्सा पेंशन फंड में जमा करना होता है। इसके पैसे शेयर बाजार और बॉन्ड में निवेश किए जाते हैं, जिससे पेंशन का भविष्य थोड़ा अनिश्चित हो जाता है। दूसरी ओर OPS में कोई बाजार जोखिम नहीं था और रिटायरमेंट के बाद तय राशि मिलती थी।
इसी वजह से कर्मचारी लगातार OPS को वापस लाने की मांग कर रहे थे – और अब कुछ राज्यों ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है।
किन राज्यों में लागू होगी पुरानी पेंशन योजना?
राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों ने अपने-अपने कर्मचारियों के लिए OPS को बहाल कर दिया है। इसके अलावा कर्नाटक सरकार ने भी ओपीएस को लेकर अहम निर्देश जारी किए हैं।
हाल ही में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर इस फैसले की पुष्टि की थी और कहा कि यह कदम कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करेगा।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम भी हुई लागू
केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) नाम से एक नई योजना को हरी झंडी दी है, जो NPS और OPS का मिक्स वर्जन है। इसके तहत जिन कर्मचारियों ने 25 साल की सेवा पूरी की है, उन्हें रिटायरमेंट पर अंतिम मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
इस योजना में भी कर्मचारी और सरकार को योगदान देना होगा – कर्मचारी 10% और सरकार 18.5% तक। यानी पूरी तरह से OPS की तरह नहीं है, लेकिन उससे बेहतर विकल्प माना जा सकता है।
कुछ खास मामलों में ओपीएस का विकल्प भी
हाल ही में केंद्र सरकार ने सर्कुलर जारी कर बताया कि कुछ खास परिस्थितियों में NPS वाले कर्मचारी भी OPS चुन सकते हैं। अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है या वह किसी कारणवश नौकरी से हटाया जाता है, तो वह या उसका परिवार पुरानी पेंशन का लाभ ले सकता है। इसके लिए निर्धारित फॉर्म भरकर विभाग में जमा करना जरूरी होगा।
राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला
राजस्थान ने 5 जून 2025 को एक अहम आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि यदि किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है या उसे कार्यमुक्त कर दिया जाता है, तो उन्हें ओपीएस का फायदा दिया जाएगा। यह आदेश IAS अधिकारी आलोक की दुखद मृत्यु के बाद लिया गया है।
ओपीएस के फायदे और नुकसान
फायदे:
- तय पेंशन मिलती है, जिससे रिटायरमेंट में स्थिर आय बनी रहती है
- कोई बाजार जोखिम नहीं
- कर्मचारियों को मनोवैज्ञानिक संतोष मिलता है
- वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा मिलती है
नुकसान:
- सरकार पर लंबी अवधि का वित्तीय बोझ
- पेंशन राशि टैक्सपेयर्स के पैसे से दी जाती है
- भविष्य की पीढ़ियों पर दबाव बढ़ सकता है
आने वाले विधानसभा चुनावों में ओपीएस एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है, खासकर महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में। कर्मचारी संगठनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है कि देशभर में OPS को फिर से लागू किया जाए। सरकार को अब एक संतुलित फैसला लेना होगा जिससे कर्मचारी भी खुश रहें और देश की आर्थिक सेहत पर ज्यादा असर न पड़े।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। ओल्ड पेंशन योजना और अन्य सरकारी योजनाओं में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। सटीक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी विभाग की वेबसाइट या कार्यालय से संपर्क जरूर करें।