Property Possession – पड़ोसी ने आपके प्लॉट में खिड़की या गेट निकाल दिया, तो क्या इसे कब्जा माना जाएगा? अगर आपके साथ ऐसा हुआ है या हो रहा है, तो आपको यह समझना जरूरी है कि कानून इस मामले में क्या कहता है। अक्सर पड़ोसी-संबंधी संपत्ति विवाद इतने बढ़ जाते हैं कि ये कोर्ट-कचहरी तक पहुंच जाते हैं। लेकिन ज्यादा तर लोग इन मामलों में सही कानूनी जानकारी न होने की वजह से परेशान रहते हैं। आइए आसान भाषा में जानते हैं कि अगर पड़ोसी आपके प्लॉट या मकान की सीमा लांघकर खिड़की या गेट बनाता है, तो क्या करें और क्या नहीं।
आपकी प्रॉपर्टी पर आपका हक
कानून के मुताबिक, प्रॉपर्टी का मालिक अपनी संपत्ति का इस्तेमाल अपनी मर्जी से करने का पूरा अधिकार रखता है। इसका मतलब यह हुआ कि आपकी जमीन या मकान पर आप जो भी बनाना या सुधार करना चाहें, कानूनी दायरे में रहकर आप कर सकते हैं। लेकिन अगर आपका पड़ोसी बिना आपकी अनुमति के आपके प्लॉट की सीमा के अंदर आकर कोई खिड़की या गेट बना देता है या आपकी जमीन का कोई हिस्सा उपयोग करता है, तो यह ‘अतिक्रमण’ माना जाएगा। ऐसे में आप उसे रोक सकते हैं और अगर वह नहीं मानता, तो आप कानूनी कार्रवाई भी कर सकते हैं।
पड़ोसी की मनमानी पर रोक
अगर पड़ोसी आपकी प्रॉपर्टी के हक का उल्लंघन करता है, तो आप सबसे पहले उसे मनाने की कोशिश करें। अगर वो नहीं माने तो आप शिकायत पुलिस में कर सकते हैं और कोर्ट में भी मामला दर्ज करा सकते हैं। क्योंकि आपकी प्रॉपर्टी पर किसी बाहरी व्यक्ति का बिना अनुमति अतिक्रमण करना गैरकानूनी है। आप किसी भी तरह के अनधिकृत गेट, खिड़की या निर्माण को हटाने के लिए कोर्ट से आदेश भी मांग सकते हैं।
क्या है हवाई क्षेत्र का अधिकार?
आपकी जमीन सिर्फ जमीन ही नहीं, बल्कि उसकी ऊंचाई और नीचे की जगह भी आपकी होती है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई फैसलों में यह साफ किया गया है कि जमीन के ऊपर का हवाई क्षेत्र और नीचे की जमीन दोनों ही मालिक की संपत्ति मानी जाती है। इसका मतलब पड़ोसी का कोई भी निर्माण आपकी जमीन के ऊपर या नीचे नहीं हो सकता। अगर आपके मकान की छत या दीवार के ऊपर पड़ोसी ने कुछ भी बना लिया, तो यह भी अतिक्रमण माना जाएगा।
कानूनी फैसलों से समझें अधिकार
मद्रास हाईकोर्ट ने एक केस में कहा था कि अगर पड़ोसी के पेड़ की शाखाएं आपकी जमीन की ओर बढ़ रही हैं, तो आप बिना किसी की अनुमति के उन शाखाओं को काट सकते हैं। यानी आपकी प्रॉपर्टी के अंदर आने वाली किसी भी चीज़ को हटाने का हक आपको होता है। इसी तरह गुवाहाटी हाईकोर्ट ने भी कहा कि आपकी प्रॉपर्टी की सीमा में पड़ोसी का कोई दखल नहीं हो सकता, चाहे वो जमीन की सतह हो या उससे ऊपर नीचे।
मकान पर पड़ोसी का छज्जा भी अतिक्रमण है
एक उदाहरण के तौर पर गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एक केस में यह भी माना कि अगर कोई व्यक्ति अपने मकान पर ऐसा छज्जा बना देता है जो पड़ोसी की जमीन के ऊपर से गुजरता हो, तो यह भी अतिक्रमण माना जाएगा और मालिक कोर्ट में याचिका दायर कर उसे हटवा सकता है।
अगर आपके साथ ऐसा हो तो क्या करें?
- सबसे पहले पड़ोसी से बातचीत करें और समस्या को सुलझाने की कोशिश करें।
- यदि बातचीत से समाधान न निकले, तो आप संबंधित पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- उसके बाद आप अपने इलाके की स्थानीय अदालत या सिविल कोर्ट में अतिक्रमण के खिलाफ केस कर सकते हैं।
- कोर्ट से आपको आदेश मिल सकता है कि पड़ोसी वह निर्माण हटाए।
कब्जा और अतिक्रमण में फर्क
कई बार लोग यह समझ नहीं पाते कि कब्जा और अतिक्रमण में क्या फर्क होता है। कब्जा तब होता है जब कोई व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से आपकी पूरी या कुछ जमीन पर नियंत्रण कर लेता है और उसे अपनी समझकर इस्तेमाल करता है। वहीं अतिक्रमण में पड़ोसी आपकी जमीन के हिस्से पर बिना अनुमति के कोई निर्माण कर देता है या उसका उपयोग करता है। दोनों ही गैरकानूनी हैं, लेकिन कब्जा ज़्यादा गंभीर मामला माना जाता है।
अतिक्रमण को रोकने के लिए सावधानी
- अपने प्लॉट की सीमा और नक्शे को स्पष्ट और कानूनी तरीके से बनवाएं।
- मकान बनाते समय पड़ोसियों के साथ संवाद बनाएं।
- समय-समय पर अपनी प्रॉपर्टी का निरीक्षण करते रहें ताकि कोई भी अनधिकृत निर्माण जल्दी पता चल सके।
- जरूरी हो तो फेंसिंग या सीढ़ी जैसी सुरक्षा भी लगाएं।
कानून के साथ साथ समझदारी भी जरूरी
कानून तो आपके हक की रक्षा करता है, लेकिन पड़ोसी से अच्छे संबंध बनाए रखना भी जरूरी है। ज्यादातर संपत्ति विवाद आपसी बातचीत से सुलझ जाते हैं। इसलिए जब भी कोई समस्या आए, तो पहले शांति से बात करें और फिर जरूरत पड़ने पर कानूनी कदम उठाएं।
अगर पड़ोसी ने आपके मकान या प्लॉट की सीमा लांघकर खिड़की, गेट या कोई अन्य निर्माण किया है, तो वह अतिक्रमण माना जाएगा। आपके पास अपनी प्रॉपर्टी का पूरा अधिकार होता है और आप इसे मनमाने अतिक्रमण से बचाने के लिए कानूनी कदम उठा सकते हैं। कोर्ट और पुलिस आपकी मदद कर सकते हैं ताकि आपका हक सुरक्षित रहे। इसलिए ऐसे मामलों में देर न करें और तुरंत कार्रवाई करें।
इस तरह की छोटी-छोटी सावधानियां और सही जानकारी आपको अपने अधिकारों की रक्षा करने में मदद करती हैं और पड़ोसी विवादों को बढ़ने से रोकती हैं।