Income Tax Rules – अगर आप इनकम टैक्स भरते हैं तो आपके लिए बड़ी राहत की खबर है। अब इनकम टैक्स विभाग आपके पुराने टैक्स मामलों को बार-बार नहीं खोल पाएगा। कई लोग शिकायत करते थे कि उन्होंने सालों पहले रिटर्न फाइल कर दिया, सब कुछ सही-सही जमा किया, फिर भी अचानक नोटिस आ जाता है – कि आपका मामला फिर से खोला जा रहा है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
सरकार ने इनकम टैक्स के पुराने मामलों को दोबारा खोलने की समयसीमा तय कर दी है। इससे लाखों टैक्सपेयर्स को मानसिक राहत और भरोसा मिला है कि अब टैक्स डिपार्टमेंट उनकी जिंदगी में सालों बाद टांग नहीं अड़ाएगा।
पुराने मामलों को मनमाने ढंग से दोबारा नहीं खोलेगा विभाग
पहले आयकर अधिकारी अपनी मर्जी से छह-सात साल पुराने मामले भी खोल देते थे। लेकिन अब इस मनमानी पर रोक लग गई है। नए नियमों के मुताबिक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सिर्फ तीन साल पुराने मामलों को ही दोबारा खोल सकेगा। इसका मतलब ये हुआ कि अगर आपने तीन साल पहले सही रिटर्न फाइल किया है, और उसमें कोई गड़बड़ी नहीं थी, तो अब आप निश्चिंत रह सकते हैं।
कब हो सकती है दस साल तक की जांच
अगर किसी केस में कोई बहुत बड़ी गड़बड़ी हो, जैसे किसी ने पचास लाख रुपये या उससे ज्यादा की आय छुपाई हो, या कोई गंभीर टैक्स फ्रॉड हो, तब इनकम टैक्स अधिकारी उस केस को दस साल तक भी खोल सकते हैं। लेकिन उसके लिए भी पक्के सबूत और वजह होनी जरूरी है। यानी अब बिना कारण कोई नोटिस नहीं भेजा जा सकेगा।
दिल्ली हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक हालिया मामले में टैक्सपेयर्स के पक्ष में बहुत मजबूत फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ कहा कि टैक्स विभाग पुराने मामलों को तब तक नहीं खोल सकता जब तक उसके पास ठोस कारण और सीमित समयसीमा में कार्रवाई का आधार न हो। यह फैसला धारा 148 के तहत आया है और इसमें कहा गया है कि तीन साल बाद किसी छोटे टैक्सपेयर के मामले को नहीं खोला जा सकता, जब तक कि बहुत बड़ा फ्रॉड न हो।
‘टाइम ट्रैवल’ जैसी चालाकी अब नहीं चलेगी
टैक्स विभाग पहले “ट्रैवल बैक इन टाइम” जैसी थ्योरी का इस्तेमाल कर के कई साल पुराने केस भी फिर से खोल देता था। मतलब वो पुराने साल में जाकर जांच शुरू कर देता था। अब कोर्ट ने इस थ्योरी को खारिज कर दिया है। इससे टैक्सपेयर्स को यह भरोसा मिला है कि अब उन्हें अचानक से कोई पुराना नोटिस नहीं मिलेगा।
2021 में हुए थे बड़े बदलाव
साल 2021-22 में सरकार ने टैक्स के पुनर्मूल्यांकन यानी री-ओपनिंग के नियमों में बदलाव किया था। पहले इनकम टैक्स के मामले छह साल तक भी खोले जा सकते थे। लेकिन नए नियमों के मुताबिक अब इसे घटाकर तीन साल कर दिया गया है। इससे टैक्सपेयर्स को राहत मिली क्योंकि अब लंबी अनिश्चितता की स्थिति नहीं रहती।
कुछ अधिकारी कर रहे हैं बहानेबाज़ी, लेकिन नए नियम लागू हो रहे हैं
हालांकि, कुछ इनकम टैक्स अधिकारी अब भी कह रहे हैं कि 2022 में जारी हुए CBDT के एक सर्कुलर के आधार पर पुराने नोटिस अभी भी वैध हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि अब नए नियम लागू हो चुके हैं और उन्हीं के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए। धीरे-धीरे टैक्सपेयर्स को इसका फायदा भी नजर आने लगेगा।
छोटे टैक्सपेयर्स को सबसे ज्यादा फायदा
ये नया नियम खासतौर पर उन छोटे और मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स के लिए बहुत बड़ी राहत है जो हर साल ईमानदारी से टैक्स फाइल करते हैं, लेकिन सालों बाद अचानक नोटिस आने से परेशान हो जाते हैं। अब उन्हें पता है कि अगर तीन साल बीत गए हैं और कोई गड़बड़ी नहीं है, तो उनका मामला नहीं खुलेगा।
भविष्य में क्या बदलेगा
इन बदलावों से टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी और लोगों को ये भरोसा मिलेगा कि अगर वे सही टैक्स भरते हैं तो उन्हें बार-बार परेशान नहीं किया जाएगा। इससे टैक्स पे करने वालों का भरोसा बढ़ेगा और वे ज्यादा आसानी से टैक्स भरने के लिए तैयार होंगे। इससे सरकार की टैक्स कलेक्शन भी सुधरेगी और ईमानदार टैक्सपेयर्स को मानसिक शांति भी मिलेगी।
सरकार के इस कदम से इनकम टैक्स से जुड़ी एक बहुत बड़ी चिंता खत्म हुई है। अब कोई अधिकारी पुराने सालों की फाइलें खोलकर आपको परेशान नहीं कर सकेगा, जब तक कि उसके पास मजबूत वजह न हो। अगर आपने तीन साल से पुराना टैक्स सही-सही भरा है तो अब आप पूरी तरह निश्चिंत रह सकते हैं।