Land Possession – अगर आप बिहार से हैं और सालों से किसी सरकारी जमीन पर रह रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद अहम हो सकती है। नीतीश सरकार अब उन जरूरतमंद लोगों को जमीन का मालिकाना हक देने पर विचार कर रही है, जो कई सालों से या कहें कि पीढ़ियों से सरकारी जमीन पर रह रहे हैं। फिलहाल ये योजना विचाराधीन है, लेकिन जल्द ही इस पर कोई ठोस फैसला आ सकता है।
सरकार कर रही योजना पर मंथन
राजस्व विभाग फिलहाल इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है कि किन-किन परिवारों को यह हक दिया जा सकता है। ध्यान देने वाली बात ये है कि ये योजना सिर्फ उन लोगों के लिए होगी जो वास्तव में गरीब हैं, जिनके पास खुद की कोई ज़मीन या घर नहीं है और जो सालों से एक ही जगह पर सरकारी ज़मीन पर रह रहे हैं। सरकार के स्तर पर सर्वे कराया जा रहा है और इसमें जो परिवार लंबे समय से रह रहे हैं, उनके रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा है। अगर दस्तावेज और स्थिति सही पाई जाती है, तो उन्हें स्थायी स्वामित्व दिया जा सकता है।
कई पीढ़ियों से रह रहे लोगों को मिलेगा फायदा
ऐसे परिवार जिनके पूर्वज भी उसी सरकारी जमीन पर रह चुके हैं और अब भी उनका वही ठिकाना है, उन्हें इस योजना से बड़ा फायदा मिल सकता है। लेकिन ये कोई खुली छूट नहीं होगी, सरकार पहले सुनिश्चित करेगी कि ये लोग वास्तव में जरूरतमंद हैं या नहीं। इसके लिए बाकायदा एक पहचान प्रक्रिया चलाई जाएगी, ताकि किसी भी गलत व्यक्ति को लाभ न मिले।
कब और कैसे लागू होगी योजना?
फिलहाल सरकार की ओर से कोई अंतिम आदेश जारी नहीं किया गया है, लेकिन इस पर गंभीरता से विचार चल रहा है। जब सभी ज़िले अपना सर्वे डेटा जमा कर देंगे और पात्र लोगों की सूची तैयार हो जाएगी, तभी जाकर आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। सरकार की कोशिश है कि इस योजना को एक तय नियम के तहत लागू किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी तरह का विवाद ना हो।
डेढ़ लाख से ज्यादा जमीन पर अवैध कब्जा
सर्वे के मुताबिक अभी राज्य भर में करीब डेढ़ लाख प्लॉट ऐसे हैं जो सरकारी ज़मीन पर कब्जा करके उपयोग में लाए जा रहे हैं। सरकार फिलहाल दो तरफा रणनीति पर काम कर रही है – एक तरफ जहां पुराने, जरूरतमंद और सालों से रहने वाले परिवारों को मालिकाना हक देने की बात चल रही है, वहीं दूसरी ओर हाल के कब्जाधारियों को हटाने के लिए सख्त अभियान भी जारी है।
राजस्व विभाग ने पहले ही सभी जिलों को यह निर्देश दिया है कि जहां भी नए या संदेहास्पद कब्जे हों, उन्हें जल्द से जल्द हटाया जाए। यानी अगर आपने हाल में कोई सरकारी ज़मीन कब्जाई है, तो राहत की उम्मीद न रखें – वहां कार्रवाई होनी तय है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो सरकार इस बार गंभीरता से सोच रही है कि सालों से रह रहे, वास्तव में ज़रूरतमंद लोगों को स्थायी मकान और ज़मीन दी जाए। इससे उन्हें सम्मान और स्थिरता दोनों मिल सकेगी। लेकिन साथ ही यह भी तय किया गया है कि हाल के समय में जबरन कब्जा करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा।
Disclaimer
यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों और प्रारंभिक सरकारी विचारों पर आधारित है। अभी तक इस योजना को लेकर कोई आधिकारिक आदेश या गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। कृपया किसी निर्णय से पहले संबंधित राजस्व विभाग या ज़िलाधिकारी कार्यालय से पुष्टि अवश्य करें।