Joint Home Loan Benefits – अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं और इसके लिए बैंक से लोन लेने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको एक छोटी-सी समझदारी भारी बचत करवा सकती है. जी हां, हम बात कर रहे हैं जॉइंट होम लोन की, जिसे आप अपनी पत्नी के साथ मिलकर ले सकते हैं. इस फैसले से आपको ना सिर्फ कम ब्याज दर मिलेगी बल्कि टैक्स में भी तगड़ी छूट मिल सकती है. आइए जानते हैं विस्तार से कि पत्नी के साथ होम लोन लेना कैसे एक फायदे का सौदा बन सकता है.
ब्याज दर में मिलती है राहत
जब आप अकेले होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो बैंक आपकी आय और क्रेडिट स्कोर के आधार पर ब्याज तय करता है. लेकिन अगर आप अपनी पत्नी को को-एप्लिकेंट बनाते हैं, तो बैंक महिलाओं को मिलने वाली विशेष रियायत के चलते ब्याज दर में करीब 0.05 प्रतिशत तक की छूट देता है. अब सोचिए, इतने बड़े लोन पर अगर ब्याज दर थोड़ी भी कम हो जाए तो आपकी ईएमआई में कितनी बड़ी राहत मिल सकती है.
टैक्स में डबल छूट
होम लोन पर इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट तो लगभग सभी को पता है. लेकिन क्या आपको पता है कि जॉइंट होम लोन में ये छूट दोगुनी हो सकती है. यानी अगर पति और पत्नी दोनों लोन में बराबर के हिस्सेदार हैं और दोनों की कमाई हो रही है, तो दोनों को अलग-अलग टैक्स बेनिफिट मिल सकता है. ब्याज पर सालाना करीब चार लाख रुपये और प्रिंसिपल अमाउंट पर तीन लाख रुपये तक की छूट ली जा सकती है. यानी कुल मिलाकर सात लाख रुपये तक की सालाना बचत संभव है.
प्रॉपर्टी पर साझा हक
जॉइंट लोन लेने का एक और अहम फायदा ये है कि घर की रजिस्ट्री पति और पत्नी दोनों के नाम होती है. इससे दोनों को बराबर का कानूनी अधिकार मिलता है और भविष्य में किसी तरह का झगड़ा या विवाद होने की संभावना कम हो जाती है. यह न केवल एक भावनात्मक जुड़ाव बनाता है, बल्कि यह भविष्य के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच भी साबित होता है.
लोन अप्रूवल की प्रक्रिया होती है आसान
अगर आपकी सैलरी थोड़ी कम है या फिर बैंक को आपकी रीपेमेंट कैपेसिटी पर संदेह है, तो जॉइंट लोन लेने से ये दिक्कत भी दूर हो जाती है. दो लोगों की आय को जोड़कर जब बैंक के पास प्रपोजल जाता है, तो बैंक को भरोसा जल्दी होता है. इससे लोन अप्रूव होने की संभावना ज्यादा होती है और प्रक्रिया भी तेज हो जाती है.
मुश्किल वक्त में मानसिक राहत
घर पति-पत्नी दोनों के नाम होने से एक बात साफ हो जाती है कि कोई भी आपात स्थिति आए, तो दोनों एक-दूसरे के साथ खड़े रह सकते हैं. ये बात मानसिक तौर पर एक अलग तरह का भरोसा देती है. अगर कभी किसी कारणवश एक की आय रुक जाए, तो दूसरा उस समय लोन चुकाने में मदद कर सकता है.
महिला के नाम पर प्रॉपर्टी जरूरी
हालांकि यहां एक जरूरी बात ये है कि महिला को ब्याज दर में जो छूट मिलती है, वो तभी मिलती है जब प्रॉपर्टी में उनका नाम बतौर ओनर दर्ज हो. सिर्फ को-एप्लिकेंट बनाना काफी नहीं होता. इसलिए होम लोन लेने से पहले इस बात का जरूर ध्यान रखें कि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में पत्नी का नाम भी लिखा गया हो.
मां, बहन या बेटी के साथ भी ले सकते हैं लोन
अगर आप अपनी पत्नी के साथ लोन नहीं लेना चाहते या फिर किसी कारण से वह को-एप्लिकेंट नहीं बन सकतीं, तो आप अपनी मां, बहन या बेटी के साथ भी जॉइंट होम लोन ले सकते हैं. कुछ बैंक ऐसी स्थिति में भी कम ब्याज दर पर लोन देने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन यहां भी शर्त वही है – महिला के नाम पर प्रॉपर्टी का मालिकाना हक जरूरी है.
फायनेंशियल प्लानर की सलाह जरूर लें
होम लोन एक बड़ा कमिटमेंट होता है. इसलिए इसे लेने से पहले किसी अनुभवी वित्तीय सलाहकार से राय जरूर लेनी चाहिए. वो आपकी आय, खर्च और टैक्स की स्थिति देखकर सबसे सस्ता और फायदे वाला लोन ऑप्शन सुझा सकते हैं. साथ ही, बैंक की शर्तें और छूट की सही जानकारी भी दिला सकते हैं.
अगर आप समझदारी से कदम उठाएं और पत्नी के साथ जॉइंट होम लोन लें, तो ये फैसला आपको सालों तक आर्थिक फायदा दे सकता है. न सिर्फ कम ब्याज दर, बल्कि टैक्स छूट और कानूनी सुरक्षा जैसे फायदे इसे एक शानदार विकल्प बनाते हैं. तो घर खरीदते वक्त इन बातों का जरूर ध्यान रखें और समझदारी से लोन प्लान करें.