Gratuity New Rule – अगर आप भी नौकरीपेशा हैं और हर महीने की सैलरी के साथ-साथ भविष्य के लिए ग्रेच्युटी की उम्मीद लगाए बैठे हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि अब नियम थोड़े सख्त हो गए हैं। अगर आपसे एक बड़ी गलती हो गई, तो हो सकता है कि आपको आपकी मेहनत की ग्रेच्युटी की रकम से हाथ धोना पड़े।
ग्रेच्युटी क्या होती है?
सादा भाषा में समझें तो ग्रेच्युटी एक तरह का ‘रिटायरमेंट बोनस’ होता है। ये पैसा कंपनी तब देती है जब कोई कर्मचारी लंबे समय तक संस्था में काम करता है। आमतौर पर जब आप पांच साल पूरे कर लेते हैं, तब आपको ग्रेच्युटी का फायदा मिलता है। ये एक तरह से कंपनी की तरफ से “थैंक यू” होता है, आपके वर्षों की मेहनत के बदले।
अब क्यों नहीं मिलेगी ग्रेच्युटी?
नई जानकारी के मुताबिक अगर किसी कर्मचारी की गलती से कंपनी को आर्थिक नुकसान होता है, तो कंपनी उस कर्मचारी की ग्रेच्युटी रोक सकती है। ये नुकसान जानबूझकर हुआ हो या फिर गंभीर लापरवाही से – दोनों ही मामलों में कंपनी को अधिकार है कि वो ग्रेच्युटी देने से मना कर दे। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि बिना वजह कंपनी पैसे रोक लेगी। इसके लिए बाकायदा कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) भेजा जाएगा, जिसमें कर्मचारी को जवाब देने का मौका मिलेगा।
कौन-कौन सी गलती पड़ेगी भारी?
अगर आपने अनैतिक आचरण किया है, कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचाया है, गोपनीय दस्तावेज लीक किए हैं या जानबूझकर नुकसान पहुंचाया है – तो ये सारी चीजें गंभीर मानी जाएंगी। इन मामलों में कंपनी आपके ग्रेच्युटी के पैसे काट सकती है या पूरी तरह रोक सकती है। लेकिन जितना नुकसान हुआ है, उतनी ही राशि काटी जाएगी, पूरा पैसा नहीं।
कर्मचारी के पास भी है अधिकार
अब अगर ऐसा होता है कि आपकी ग्रेच्युटी बिना किसी ठोस वजह के रोक ली जाती है, तो डरिए मत। आपके पास भी अधिकार है कि आप कंपनी को नोटिस भेज सकते हैं। अगर कंपनी फिर भी जवाब नहीं देती, तो आप जिला श्रम आयुक्त (Labour Commissioner) के पास जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अगर कंपनी दोषी पाई जाती है, तो उसे जुर्माने और ब्याज सहित आपकी पूरी ग्रेच्युटी देनी पड़ेगी।
कब बनते हैं आप ग्रेच्युटी के हकदार?
कानून के हिसाब से अगर आपने किसी कंपनी में लगातार 5 साल काम किया है, तो आप ग्रेच्युटी के हकदार होते हैं। लेकिन एक ट्रिक है – अगर आपने 4 साल और 8 महीने तक काम किया है, तो उसे भी पूरा 5 साल माना जाएगा और आपको ग्रेच्युटी मिल सकती है। लेकिन इससे कम यानी 4 साल 6 महीने या उससे कम काम किया है, तो आप इस लाभ से बाहर हो सकते हैं।
हर कंपनी नहीं देती ग्रेच्युटी
ध्यान देने वाली बात ये भी है कि हर कंपनी ग्रेच्युटी देने के लिए बाध्य नहीं होती। अगर आपकी कंपनी Gratuity Act के तहत रजिस्टर्ड नहीं है और उसमें 10 से कम कर्मचारी हैं, तो कंपनी की मर्जी है कि वो ग्रेच्युटी दे या न दे। लेकिन अगर 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी हैं, तो कंपनी पर ये लागू हो सकता है। सरकारी संस्थाएं और ज्यादातर बड़ी प्राइवेट कंपनियां ग्रेच्युटी देती हैं।
ग्रेच्युटी के पैसे कैसे तय होते हैं?
ग्रेच्युटी की रकम आपके आखिरी महीने की बेसिक सैलरी और आपकी कुल सर्विस पीरियड पर निर्भर करती है। इसका एक फॉर्मूला होता है –
(15/26) × अंतिम बेसिक सैलरी × कुल साल
इससे आपको अंदाजा लग सकता है कि आपको कितना पैसा मिल सकता है।
आखिर में बात सीधी सी है…
अगर आप चाहते हैं कि आपकी मेहनत का फल आपको पूरा मिले, तो कंपनी के साथ ईमानदारी से काम करें। अपनी जिम्मेदारी निभाएं और कंपनी के नियमों का पालन करें। क्योंकि एक बार भी गंभीर गलती हुई, तो आपकी ग्रेच्युटी की रकम खतरे में पड़ सकती है।
Disclaimer
यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें बताए गए नियम और शर्तें समय-समय पर बदल सकती हैं और कंपनी की पॉलिसी व सरकारी कानूनों पर निर्भर करती हैं। सही जानकारी और दावा करने से पहले श्रम विभाग या कंपनी के एचआर से संपर्क जरूर करें।