8th Pay Commission – सरकारी नौकरी करने वाले लाखों कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग को लेकर लगातार चर्चाएं तेज होती जा रही हैं। हर कोई यही उम्मीद लगाए बैठा है कि 2026 की शुरुआत में उनकी सैलरी में जोरदार बढ़ोतरी होगी। लेकिन अब जो खबरें सामने आ रही हैं, वो कुछ निराश करने वाली हैं।
दरअसल, जिस फिटमेंट फैक्टर को लेकर कर्मचारी संगठन लंबे समय से 2.86 तक बढ़ाने की मांग कर रहे थे, उस पर नई राय आ रही है। कहा जा रहा है कि ये आंकड़ा 1.92 पर ही रुक सकता है। यानी कर्मचारियों को जितनी उम्मीद थी, उतनी सैलरी बढ़ोतरी शायद ना मिले।
अब सवाल ये उठता है कि जब 2.86 फिटमेंट फैक्टर की बात हो रही है, तो फिर सैलरी बढ़ क्यों नहीं रही है? चलिए आपको आसान भाषा में पूरा मामला समझाते हैं।
10 साल बाद आता है नया वेतन आयोग
सरकारी नियमों के मुताबिक हर दस साल में नया वेतन आयोग लागू किया जाता है। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था, जिसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 तक माना जाता है। अब अगला वेतन आयोग यानी 8वां, संभवत: 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
क्यों हो रहा है फिटमेंट फैक्टर का इतना हंगामा?
सरकारी कर्मचारियों को सैलरी में बढ़ोतरी तभी होती है जब फिटमेंट फैक्टर बढ़ता है। ये एक तरह का गुणांक (multiplier) होता है, जिसके जरिए पुराने बेसिक पे को नए बेसिक पे में बदला जाता है।
7वें वेतन आयोग में ये फैक्टर 2.57 रखा गया था। अब कर्मचारी चाहते हैं कि इसे 2.86 किया जाए, जिससे सैलरी में बड़ा उछाल आ सके। लेकिन सरकार और वेतन विशेषज्ञों के हिसाब से ये 1.92 तक ही सीमित रहने की संभावना है।
इससे कर्मचारियों में मायूसी है, क्योंकि 1.92 फैक्टर पर बहुत खास बढ़ोतरी नहीं होगी।
ज्यादा फिटमेंट फैक्टर = ज्यादा सैलरी? जरूरी नहीं
बहुत से लोग ये सोचते हैं कि जितना ज्यादा फिटमेंट फैक्टर होगा, उतनी ही ज्यादा सैलरी बढ़ेगी। लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता।
- 6वें वेतन आयोग में फैक्टर था सिर्फ 1.86, लेकिन फिर भी सैलरी में करीब 54% तक का इजाफा हुआ था।
- वहीं 7वें वेतन आयोग में फैक्टर 2.57 था, लेकिन सैलरी बढ़ी सिर्फ 14% के आसपास।
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अधिकतर हिस्सा महंगाई भत्ते (DA) को समायोजित करने में चला गया था।
इस बार भी यही डर है कि भले ही 2.86 फिटमेंट फैक्टर घोषित हो जाए, लेकिन सैलरी में जो नेट बढ़ोतरी होगी वो सीमित ही रहेगी।
पेंशनभोगियों को भी होगी निराशा
केवल सैलरी पाने वाले कर्मचारी ही नहीं, पेंशन पाने वाले बुजुर्गों को भी उम्मीद थी कि पेंशन में भारी इजाफा होगा। लेकिन फिटमेंट फैक्टर के इसी गणित के चलते पेंशन में भी उतनी बढ़ोतरी नहीं हो पाएगी, जितनी अपेक्षित थी।
वेतन विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार की प्राथमिकता महंगाई भत्ते को कवर करना होती है। ऐसे में मूल वेतन या पेंशन पर सीधा असर सीमित हो जाता है।
क्या कहती है मौजूदा स्थिति?
फिलहाल केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई अंतिम फैसला या अधिसूचना जारी नहीं की है। लेकिन यह माना जा रहा है कि बहुत जल्द सरकार इसकी terms of reference घोषित करेगी, जिसके बाद आयोग की प्रक्रिया शुरू होगी।
सरकार कर्मचारियों की नाराजगी से भी वाकिफ है, इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार कोई नया फॉर्मूला लाती है या मौजूदा ढांचे में ही फेरबदल करती है।
आगे क्या करें कर्मचारी?
सरकारी कर्मचारी और उनके संगठन इस मुद्दे को लेकर लगातार दबाव बना रहे हैं। अब जब अगले आम चुनाव भी ज्यादा दूर नहीं हैं, तो सरकार पर भी कर्मचारियों की मांगों को लेकर सोचने का दबाव बढ़ेगा।
लेकिन तब तक कर्मचारियों को चाहिए कि वेतन आयोग से जुड़े हर अपडेट पर नजर रखें और अफवाहों से दूर रहें।
8वें वेतन आयोग से उम्मीदें बहुत हैं, लेकिन हकीकत में सैलरी कितनी बढ़ेगी, इसका फैसला केवल फिटमेंट फैक्टर से नहीं होगा। उसके पीछे कई और फैक्टर काम करते हैं – जैसे DA का समायोजन, बेसिक पे की मौजूदा स्थिति, और सरकार की वित्तीय स्थिति।
इसलिए अभी से किसी बड़ी सैलरी की उम्मीद लगाना थोड़ा जल्दबाजी हो सकती है।